Friday, June 21, 2002

मुझे अहसास है

किसी पत्थर से जब तूने वो हाले दिल कहा होगा
तेरी आँखों से बरबस दर्द का सागर बहा होगा
मेरे दिल ने भी पीड़ा को हज़ारों बार झेला है
मुझे अहसास है तूने वो ग़म कैसे सहा होगा

© चिराग़ जैन