खण्ड-खण्ड कर रहे देश की अखण्डता को
ऐसे दुष्ट लोगों का विनाश होना चाहिए
जातिवादियों के जीवन में हलाहल घुले
साम्प्रदायिकों का सर्वनाश होना चाहिए
ज्वालाएँ प्रचण्ड मेरे भारत में फिर जलें
एक-एक कोने में प्रकाश होना चाहिए
न हो कोई जाति न धरम कोई शेष रहे
पूरे भारत में मधुमास होना चाहिए
© चिराग़ जैन
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