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Monday, May 5, 2008
बेमतलब का डर
तेरा अहसास मेरे दिल में ही पलता रहा बरसों बयाने-दिल किसी डर से यूँ ही टलता रहा बरसों तेरा दिल भी मेरी ख़ामोशियों को कोसता होगा मेरे दिल को भी बेमतलब का डर खलता रहा बरसों
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