Friday, December 17, 2010

कैमरा

ख़ुद अन्धेरे में रहकर ही
प्रकाशित करता है औरों को
...कैमरा।

लेकिन जैसे ही कोई किरण
रौशन करने आती है
कैमरे को...

...तो इसे
अंधियारी लगने लगती है
सारी दुनिया।

बिल्कुल इंसान की तरह है
कैमरा भी
...ओछा कहीं का!

© चिराग़ जैन

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