Friday, September 30, 2011

इश्क़ की महफ़िल

दुनिया को भूल जाओ
ये इश्क़ की महफ़िल है
आओ हुज़ूर आओ
ये इश्क़ की महफ़िल है

जो होश में हैं उनको
दुनिया के ग़म मुबारक़
हुमको तो तुम मुबारक़
तुमको तो हम मुबारक़
हाथों में जाम उठाओ
ये इश्क़ की महफ़िल है

दिल की सुनो घड़ी भर
लोगों की फ़िक्र छोड़ो
अपनों की बात सुन लो
औरों का ज़िक्र छोड़ो
ख़ुद के क़रीब आओ
ये इश्क़ की महफ़िल है

© चिराग़ जैन

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