प्रिय टैगियो!
गणतंत्र दिवस की असीम शुभकामनाओं के साथ आपके साथ एक बात सांझी करना चाहता हूँ। मैं जब अपना फ़ेसबुक लॉगिन करता हूँ तो उसमें हर बार 100-150 नोटिफ़िकेशन्स होते हैं। उनमें से अधिकतर उन पोस्ट्स के होते हैं जिनमें मुझे ज़बर्दस्ती टैग किया गया है। अक्सर उन फोटोग्राफ्स या पोस्ट्स से मेरा कोई लेना-देना नहीं होता। लेकिन लोग निरंतर कहने के बावजूद मुझे टैग करते रहते हैं। इन अनर्गल नोटिफ़िकेशन्स की सूची में कई महत्वपूर्ण नोटिफ़िकेशन्स भी होते हैं जो नज़र से छूट जाते हैं।
दुर्भाग्य की बात ये है कि इन टैगबुकियों में से कुछ ऐसे भी परिचित होते हैं जो अनफ्रैंड नहीं किये जा सकते। फेसबुक जैसे सोशल माध्यमों पर इस प्रकार किसी की स्वतंत्रता में दखलंदाज़ी क्या अच्छी बात है!
कोई हरिद्वार होकर आया, वहाँ फोटो खिंचाई और उसमें मुझे टैग कर दिया; जबकि उसके हरिद्वार जाने में मेरी कोई ग़लती या योगदान नहीं है। किसी ने गली के नुक्कड़ पर पप्पू स्टूडियो में काला चश्मा पहन कर फोटो खिंचाई और बत्तीसी दिखाते हुए मुझे टैग कर दिया, इसमें मेरी क्या ग़लती है भाई! किसी ने चंकी पांडे के साथ फोटो खिंचाई, बहुत अच्छी बात है। उसको फ़ेसबुक पर अपलोड किया, और भी अच्छी बात है, लेकिन उसमें मुझे क्यों टैग किया; ये मुझे समझ नहीं आता। अरे भाई, आप मेरी फ्रैंड लिस्ट में हो ही, आपका स्टेटस अपडेट मेरे नोटिफ़िकेशन्स में दिख ही जायेगा, मुझे ज़रूरी लगेगा तो मैं उसको लाइक भी करूंगा और उस पर टिप्पणी भी करूंगा, लेकिन टैग कर के मेरा बलात्कार क्यों किया जाता है।
हो सकता है कि मैं इस विषय को अधिक खींच रहा होऊं, लेकिन इस खीझ के पीछे मैंने कितनी झल्लाहट झेली है, इसका अनुमान यही है कि इस पोस्ट में प्रदर्शित क्रोध मेरी पीड़ा का सात-आठ प्रतिशत ही है।
स्थिति यहाँ तक भयावह हो गई है कि मैं रात को सपने में भी ‘रिमूव टैग’ का ऑप्शन ढूंढता रहता हूँ। टैग शब्द से मुझे इतनी नफ़रत हो गई है कि मैंने पंप शूज़ पहनने शुरू कर दिये हैं। टैगियों ने मुझे इतना सताया है कि मैंने ‘टैगोर’ साहित्य पढ़ना बंद कर दिया है।
बंधु! कृपया मुझे इस समस्या का कोई उचित समाधान बताने का कष्ट करें। आपकी अति कृपा होगी। मैं चाहता तो ये पोस्ट अपनी टाइमलाइन पर लिखकर आपको उसमें आपको टैग कर सकता था, लेकिन मैं टैग की पीड़ा को समझता हूँ, इसलिये जनहित में ऐसा नहीं किया।
आपका (अभी तक) अपना
टैग पीड़ित
-चिराग़ जैन
© चिराग़ जैन
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