Saturday, January 20, 2024

शबरी

नित्य सजाती रही अंगना, प्रभु राम के दर्श की आस में शबरी
आस की ऐसी निशंक तपस्या से दर्ज हुई इतिहास में शबरी
सीता वियोग से व्याकुल थे, तब घुल गई राम की प्यास में शबरी
राम को भक्ति का स्वाद चखा गई बेर की जूठी मिठास में शबरी

-चिराग़ जैन

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