Friday, November 22, 2024

असंतोष

जिस कुर्सी की एक कील मुझे बहुत चुभती थी; उसी कुर्सी पर किसी और का बैठना 
मुझे कील से ज़्यादा चुभता है।

✍️ चिराग़ जैन 

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