Tuesday, December 3, 2002

अहसास

मेरे गीतों में मेरे प्रेम का विश्वास बिखरा है
कहीं पतझर ख़नकता है कहीं मधुमास बिखरा है
मेरी बातें दिलों को इसलिए छूकर गुज़रती हैं
कि इन बातों में कोई अनछुआ अहसास बिखरा है 

© चिराग़ जैन

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