Wednesday, October 6, 2004

प्यार वाला अहसास

प्यार वाला एक अहसास जब से जगा है
अँखियों से भेद खोलती है मेरी ज़िन्दगी
हर घड़ी हर पल दिन-रैन बिन चैन
उस ही का नाम बोलती है मेरी ज़िन्दगी
अपना तो दिल भूल आई किसी आँचल में
अब बावरी-सी डोलती है मेरी ज़िन्दगी
मथुरा में बन बनवारी बैठ गई और
बृज की हवा टटोलती है मेरी ज़िन्दगी

© चिराग़ जैन

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