Thursday, November 11, 2004

वनफूल

कुछ ज़र्द से पत्ते थे जो सज कर सँवर गए
कुछ फूल जंगलों में ही खिल कर बिखर गए
कुछ छाछ की छछिया लिए दुनिया पे छा गए
कुछ खीर हाथ में लिए घुट-घुट के मर गए

© चिराग़ जैन

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