Saturday, March 19, 2005

दर्द की दास्तान

दर्द की दास्तान सुन लेना
ख़ुद-ब-ख़ुद साहिबान सुन लेना
होंठ मेरे न कुछ कहेंगे मगर
आँसुओं का बयान सुन लेना

✍️ चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment