Monday, March 8, 2010

चिंता

मैं नहीं मिटाना चाहता
आधुनिकता के प्रभावों को
न ही चिंतित हूँ मैं
फैशन के बढ़ते चलन से।

मैं तो सिर्फ़
संजो लेना चाहता हूँ
अपना परिवार...

...मुझे तो चिंता है
‘माँ’ पर लिखी
कविताओं की!

© चिराग़ जैन

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