Wednesday, September 22, 2010

भारतवर्ष की ख़ुश्बू

मिरे भारत के हर ज़र्रे में है संघर्ष की ख़ुश्बू
हर इक संघर्ष से उठती है पावन हर्ष की ख़ुश्बू
जो अपने मुल्क़ की मिट्टी से कोसों दूर बैठे हैं
अभी भूले नहीं वो लोग भारतवर्ष की ख़ुश्बू

© चिराग़ जैन

Monday, September 20, 2010

आपसी सहयोग की भावना

ख़बर 1-राजधानी में जामा मस्जिद के निकट भड़की आतंक की आग।
ख़बर 2- हरियाणा ने यमुना में 6,53,503 क्यूसेक पानी छोड़ा, बाढ़ का ख़तरा।
टिप्पणी- इसको कहते हैं आपसी सहयोग की भावना!

© चिराग़ जैन

Saturday, September 18, 2010

सॉफ़्टवेअर करप्ट हो जाए

अब किसी के लिखे ख़त जलाने की ज़रूरत नहीं
है, बस मोबाइल का सॉफ़्टवेअर करप्ट हो जाए तो यादों के सारे अवशेष स्वतः ही ब्रह्मलीन हो जाते हैं!

© चिराग़ जैन

Sunday, September 12, 2010

जमुना-कवि संवाद

कल मैंने जमुना से पूछा-
“जमुना रानी!
क्यों करती हो यूँ मनमानी
कहाँ से लाई हो इतना
विध्वंसक पानी!”

जमुना बोली-
“ये पानी?
ये पानी न बारिश का है
न नदियों-नालों का है
ये पानी तो दिल्ली के सरकारी घोटालों का है।

ये जो मेरे तटबंधों की
चढ़ती हुई जवानी है
ये सारा सरकारी आँखों से
उतरा हुआ पानी है।"

© चिराग़ जैन