Monday, February 27, 2012

मेरी हिम्मत

निराशा तो मेरी आंखों को नम होने नहीं देगी
मगर उम्मीद मुझको चैन से सोने नहीं देगी
बहुत आसां नहीं होगा मेरे सपनों का सच होना
बहुत मुश्क़िल मेरी हिम्मत इसे होने नहीं देगी

© चिराग़ जैन

Friday, February 24, 2012

वायरस

जब से
डाउनलोड की है
तुम्हारे नाम की फाइल
बार-बार हैंग होता है
दिल का सिस्टम

...शायद
कोई वायरस था
फाइल में।

जिसने सबसे पहले
डी-एक्टिवेट किया
ब्रेन का एंटी-वायरस
और फिर
करप्ट कर दिया
ऑपरेटिंग सिस्टम
स्लो कर दी
रैम भी!

...शायद
इंस्टाॅल करनी पड़ेगी
नई विंडो!

© चिराग़ जैन

Wednesday, February 22, 2012

अधूरे ख़्वाब

हर रात
मैं बुनता था इक ख़्वाब
और फिर
उसको अधूरा छोड़
चुपचाप सो जाता था
कि कभी तुम्हारे साथ
साकार करूंगा
ख़्वाब में उभरा
ये ख़ूबसूरत लम्हा...

एक-एक करके
जाने कितने ही सपने
इकट्ठे हो गए
मेरे तकिए के नीचे।

आज जब सोने लगा मैं
बिना संजोए कोई ख़्वाब
तो अचानक
मेरे सामने खड़े हो गए
सैंकड़ों अधूरे ख़्वाब
तकिए के नीचे से निकलकर। 

सबकी भंगिमा में मौजूद था
एक ही प्रश्न-
"अब हमारा क्या होगा?"

मैंने कहा-
"काश ये निर्णय
मेरे वश में होता!"

© चिराग़ जैन

Friday, February 17, 2012

टोटका

बहुत उपजाऊ है
मेरे दिल की मिट्टी।
पनप जाता है
हर बीज
आसानी से।

बहुत आसानी से
फूट पड़ता है अंकुर,
बहुत आसानी से
द्विदल होता है बीज,
...लाल-लाल कोंपलें
......ताज़ा हरापन।

कभी ओस नहाई पत्तियाँ
तो कभी
गुपचुप बतियाती
डालियाँ।

कुछ पौधों पर
आ जाता है
बौर भी...
...लेकिन किसी डाल ने
कभी नहीं किया
फल का शृंगार...!

...शायद
कोई टोटका कर देता है
मेरी हरियाली पर!

© चिराग़ जैन

Thursday, February 9, 2012

मुहब्बत की कहानी

कोई इन्सान दिल के हाथ जब लाचार होता है
तो उसकी ज़िन्दगी का रास्ता दुश्वार होता है
मुहब्बत की कहानी में फ़क़त चेहरे बदलते हैं
वही किस्सा, वही इक वाक़या हर बार होता है

© चिराग़ जैन