गत दो दशक से मेरी लेखनी विविध विधाओं में सृजन कर रही है। अपने लिखे को व्यवस्थित रूप से सहेजने की बेचैनी ही इस ब्लाॅग की आधारशिला है। समसामयिक विषयों पर की गई टिप्पणी से लेकर पौराणिक संदर्भों तक की गई समस्त रचनाएँ इस ब्लाॅग पर उपलब्ध हो रही हैं। मैं अनवरत अपनी डायरियाँ खंगालते हुए इस ब्लाॅग पर अपनी प्रत्येक रचना प्रकाशित करने हेतु प्रयासरत हूँ। आपकी प्रतिक्रिया मेरा पाथेय है।
Monday, February 27, 2012
मेरी हिम्मत
निराशा तो मेरी आंखों को नम होने नहीं देगी मगर उम्मीद मुझको चैन से सोने नहीं देगी बहुत आसां नहीं होगा मेरे सपनों का सच होना बहुत मुश्क़िल मेरी हिम्मत इसे होने नहीं देगी
No comments:
Post a Comment