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Sunday, September 30, 2012
जलोकड़ा
मौसम के मूड को तपा डालता है सूरज आग की तरहं ठण्डी हवा को बना डालता है लू।
हरे पत्ते हो जाते हैं ज़र्द देख ही नहीं पाता किसी का सुख जलोकड़ा कहीं का!
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