Thursday, August 29, 2013

डर लगता है

सूप पर
अनाज उछालती माँ
डाँट देती थी मुझे
जब मैं कोशिश करता था
उछलते अनाज को
छू लेने की।

डाल पर बैठी चिड़िया
फुर्र से उड़ जाती थी
जब मैं उचकता था
उसे छूने के लिए।

कई बार मन करता है
तुमको छूने का।

लेकिन डर लगता है
कहीं तुम अनाज न निकलो!
कहीं तुम चिड़िया न निकलो!

© चिराग़ जैन

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