गाँव का
पुराना मकान
कच्चा-पक्का फ़र्श
दीमक लगी जर्जर चौखट
और
देहरी के दोनों ओर
चिकनाई के
दो गोल निशान!
मुद्दत हुई
हर साल
दीपावली पर
दीपक जलाते थे दो हाथ।
फिर
अपने पल्लू की ओट में छिपाकर
हवा के झोंके से बचाते हुए
दीवार की आड़ में
हौले से
देहरी पर
दो दीपक
धर आते थे दो हाथ।
न जाने क्यों
आज फिर से
जीवंत हो उठी है माँ!
© चिराग़ जैन
No comments:
Post a Comment