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Monday, December 21, 2015
बेवफ़ा को इश्क़ हो जाए
कली चटके तो गुलशन से हवा को इश्क़ हो जाए वफ़ा ऐसी ग़ज़ब हो, बेवफ़ा को इश्क़ हो जाए इबादत वो कि रब बंदे का दीवाना बना भटके मुहब्बत वो कि आशिक़ से ख़ुदा को इश्क़ हो जाए
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