Sunday, October 27, 2019

गौवर्द्धन पर्व

सत्ता चाहे जिसकी भी हो, अहम् नहीं स्वीकार प्रजा को 
कर्मकांड से कर्मयोग ने पल में लिया उबार प्रजा को 
गोकुलवालो छोड़ो छलिया इंद्रदेव का पूजन करना 
पर्वत ढोकर ही मिलता है, जीने का अधिकार प्रजा को 

सत्ता की मनमानी का करना होगा प्रतिकार प्रजा को
चुप रहने से निर्भरता का होता व्याधि-विकार प्रजा को
श्रमजीवी भी दान-दया का पात्र बने तो युग कोसेगा
कर्म छोड़ कर कृपा निहारे तो सौ-सौ धिक्कार प्रजा को

 © चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment