Saturday, January 2, 2021

हम तुम पार उतर जाएंगे

सुख होगा, उल्लास रहेगा
कभी-कभी कुछ त्रास रहेगा
जब सम्बन्ध निभेगा तो फिर
उसमें हर एहसास रहेगा
अच्छे-बुरे समय से हम-तुम, मिलकर साथ गुज़र जाएंगे
अपनेपन की नौका लेकर, इक दिन पार उतर जाएंगे 

हम दोनों ने इस क़िस्से को मिलकर साथ सँवारा भी है
इक किरदार तुम्हारा भी है, इक किरदार हमारा भी है
अपना-अपना पात्र निभाकर, दोनों अपने घर जाएंगे 

चाहे मुझसे रूठ भी जाना, कटु शब्दों के बान चलाना
लेकिन जब मैं तुम्हें मनाऊँ, तब तुम झटपट मान भी जाना
आँसू आए तो आँखों से फूल सरीख़े झर जाएंगे 

उत्सव जैसा जीवन होगा, उत्सव का अवसान भी होगा
कभी-कभी सन्नाटा होगा, कभी-कभी तूफ़ान भी होगा
जो भी हो, हम साथ रहे तो सब व्यवधान बिखर जाएंगे 

कुछ उम्मीदें भी टूटें तो, उसमें अपना साथ न टूटे
कैसी भी खींचातानी हो, इक-दूजे का हाथ न छूटे
बस इतना भर हो पाया तो, दिन ख़ुशियों से भर जाएंगे

© चिराग़ जैन

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