Friday, January 16, 2009

महत्व

तुमसे मिलना...
...जैसे
हाई-वे पर दौड़ती गाड़ी
दो पल को ठहरे
किसी पैट्रोल पम्प पर।

...जैसे
परवाज़ की ओर
बढ़ता परिंदा
यकायक उतर आए
धरती पर
पानी की चाह में।

...जैसे
बहुत लंबी
मरुथली यात्रा के दौरान
हरे पेड़ की छाँव!

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment