झोंपड़ी को यह नहीं भूलना चाहिए
कि बड़ी इमारत का मलबा भी
झोंपड़ी से ऊँचा होता है।
और मलबे को भी
यह नहीं भूलना चाहिए
कि मलबा
कितना भी ऊँचा हो जाए,
उसे इमारत नहीं कहा जा सकता।
इमारत ध्यान रखे
कि चाटनेवाले दीमक कहलाते हैं
और
मरम्मत की आवाज़ें
शोर होती हैं, संगीत नहीं!
झोंपड़ी ध्यान रखे
कि इमारत पर कीचड़ फेंकेगी
तो ओछी कहलाएगी
और अपना आंगन लीपती रहेगी
तो मज़बूत भी बनी रहेगी
और सुन्दर भी!
~चिराग़ जैन
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