Wednesday, August 13, 2003

हुनर

तनहा-तनहा था सफ़र क्या कहिए
आपका साथ मगर क्या कहिए
मुझको मूरत में कर दिया तब्दील
तेरे हाथों का हुनर क्या कहिए

© चिराग़ जैन

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