गत दो दशक से मेरी लेखनी विविध विधाओं में सृजन कर रही है। अपने लिखे को व्यवस्थित रूप से सहेजने की बेचैनी ही इस ब्लाॅग की आधारशिला है। समसामयिक विषयों पर की गई टिप्पणी से लेकर पौराणिक संदर्भों तक की गई समस्त रचनाएँ इस ब्लाॅग पर उपलब्ध हो रही हैं। मैं अनवरत अपनी डायरियाँ खंगालते हुए इस ब्लाॅग पर अपनी प्रत्येक रचना प्रकाशित करने हेतु प्रयासरत हूँ। आपकी प्रतिक्रिया मेरा पाथेय है।
Thursday, July 15, 2004
हमारी ज़िंदगानी
अंधेरों की कहानी आफ़ताबों में नही मिलती हक़ीक़त की निशानी चंद ख़्वाबों में नहीं मिलती हमारे दर्द को महसूस करने की ज़रूरत है हमारी ज़िंदगानी इन किताबों में नहीं मिलती
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