चाहता हूँ उन्हें ये अलग बात है
वो मिलें ना मिलें ये अलग बात है
एक अहसास से दिल महकने लगा
गुल खिलें ना खिलें ये अलग बात है
हम मिलें और मिलते रहें हर जनम
ज़िन्दगी भर का नाता बने ना बने
मन समर्पण के सद्भाव से पूर्ण हों
तन भले ही प्रदाता बने ना बने
बात दिल की दिलों तक पहुँचती रहें
लब हिलें ना हिलें ये अलग बात है
शब्द पावन हवन की महक से भरे
मुस्कुराहट में है यक्ष का अवतरण
आँख में झिलमिलाती चमक दीप की
अश्रु हैं दिव्य पंचामृती आचमन
नित्य श्रद्धा निवेदित करूँ मैं उन्हें
वर मिलें ना मिलें ये अलग बात है
© चिराग़ जैन
No comments:
Post a Comment