Saturday, June 25, 2005

मुझे तुम भूल सकते थे

फ़ज़ाई रक्स होता तो मुझे तुम भूल सकते थे
तुम्हारा अक्स होता तो मुझे तुम भूल सकते थे
तुम्हारी चाह हूँ, आदत, इबादत हूँ, मुहब्बत हूँ
महज एक शख्स होता तो मुझे तुम भूल सकते थे

© चिराग़ जैन 

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