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Friday, January 20, 2012
समाधान
बहुत समझदार हो तुम जब कभी उदासी का आँचल ओढ़कर जवान होने लगता है मेरा कोई दर्द
तो चुपचाप बिना किसी शोर-शराबे के ‘कंधा देकर’ पहुँचा आते हो उसे वहाँ ...जहाँ से लौट नहीं पाया कोई आज तक।
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