Thursday, February 14, 2013

नसीब

राजकुमारी ने कहा-
‘बहुत नसीब वाला होगा
वो चांद
जो उतरेगा
तुम्हारे अंगना।
रे पथिक!
मेरा ऐसा नसीब कहाँ
जो पा सकूँ
तुम-सा
स्वतंत्र
और स्वच्छंद साथी!’

पथिक
कोसता रहा गया
अपनी ख़ुशनसीबी को
और राजकुमारी
सोने की पालकी में बैठ
उतर गई
किसी चांद के अंगना।

© चिराग़ जैन

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