Tuesday, November 19, 2013

जलन

बूंद बारिश की उसको छूती है
मन मेरा ज़ार-ज़ार जलता है
मैं उसे प्यार करूं तो बेहतर
और लोगों का प्यार खलता है

© चिराग़ जैन

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