Sunday, November 17, 2013

गीत विरह के

जाने क्या-क्या सह के लिक्खे
ये जो गीत विरह के लिक्खे
मेरा तो बस नाम लिखा है
तूने मुझमें रह के लिक्खे

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment