गत दो दशक से मेरी लेखनी विविध विधाओं में सृजन कर रही है। अपने लिखे को व्यवस्थित रूप से सहेजने की बेचैनी ही इस ब्लाॅग की आधारशिला है। समसामयिक विषयों पर की गई टिप्पणी से लेकर पौराणिक संदर्भों तक की गई समस्त रचनाएँ इस ब्लाॅग पर उपलब्ध हो रही हैं। मैं अनवरत अपनी डायरियाँ खंगालते हुए इस ब्लाॅग पर अपनी प्रत्येक रचना प्रकाशित करने हेतु प्रयासरत हूँ। आपकी प्रतिक्रिया मेरा पाथेय है।
Wednesday, July 19, 2017
ग्राफ़ में उसका नाम छपा तो क्या होगा
अनलिखा पैग़ाम छपा, तो क्या होगा धडकन का कोहराम छपा, तो क्या होगा ईसीजी करवाने से डर लगता है ग्राफ़ में उसका नाम छपा तो क्या होगा
No comments:
Post a Comment