तानने वाले जमाने भर की तोपें तान लें
हौसला बारूद से डरता नहीं, ये जान लें
छोड़िये साहिब, खुशी से कौन मरता है भला
दर्द ही हद से गुजर जाए तो फिर भी मान लें
जो कभी हमको कहा करते थे अपनी जिंदगी
खुदकशी के मूड में हों तो हमारी जान लें
देख लीजे कुछ हमारे पास बचने पाए ना
ख्वाब लें, उम्मीद लें, अल्फाज लें, अरमान लें
इस भरे बाजार में हम भी बहुत बेचैन हैं
वे पुराना लूट लें तो हम नया समान लें
© चिराग़ जैन
No comments:
Post a Comment