Thursday, May 26, 2016

ख़बर का असर

जेब में दस का नोट लेकर भीखू छोले-कुल्चे के ठेले पर पहुँचा और बोला- "दस रुपये के छोले कुल्चे दे दो।"
ठेले वाला मुस्कुराकर बोला - "दस रुपये में छोले कुल्चे नहीं आते।"

भीखू उदास होकर पान की दुकान तक आया और टीवी पर चल रहा न्यूज़ बुलेटिन देखने लगा। पत्रकार बता रहा था कि भारत की विदेशमंत्री तीन दिन के दौरे पर जापान जा रहे हैं। ख़बर पढ़ते हुए समाचार वाचक के चेहरे पर जो ख़ुशी थी उससे भीखू को लगा कि अब शायद बात बन जाएगी। वह दौड़कर खोमचे पर पहुँचा और बोला - "लो भैया, विदेश मंत्री देश के विकास पर चर्चा करने जापान गई हैं, अब तो दस रुपये के छोले-कुल्चे आ जाएंगे?"

"अबे पगला गया है क्या?" ...खोमचे वाला झल्ला उठा। ..."उसके जापान जाने से मेरे ठेले का क्या लेना देना?"

भीखू अपना सा मुंह लिए वापस बुलेटिन देखने लगा। एक संवाददाता चीख-चीख कर उत्तेजना में बोल रहा था कि फलाने मंत्री के बयान पर विपक्ष ने दो दिन संसद का कामकाज नहीं होने दिया, लेकिन अभी-अभी ख़बर मिली है कि उस मंत्री ने अपने बयान पर खेद प्रकट कर दिया है और विपक्ष ने संसद चलने देने का आश्वासन दिया है।"

भीखू ख़ुश होकर फिर से ठेले तक पहुँचा और दुखी होते हुए फिर से वापस लौट आया।

बुलेटिन अभी भी चालू था। काफ़ी कुछ हुआ उस बुलेटिन में। एक नई फ़िल्म का ट्रेलर रिलीज़ हुआ; एक निजी चैनल के सर्वे से ये पता चला कि केंद्र सरकार की लोकप्रियता बढ़ रही है; यह भी पता चला कि रामायण युग की किष्किन्धा में आज भी सुग्रीव और बाली के सिंहासन सुरक्षित रखे हैं; एक अभिनेता को कोर्ट ने बरी भी कर दिया; एक समुदाय को सामूहिक रूप से अपना त्यौहार मनाने की इजाज़त भी मिल गई; एक विधायक ने रिजॉर्ट में प्राणायाम भी किया; एक संत को राममंदिर के शिलान्यास में शामिल होने का न्यौता भी मिल गया और एकाध अफ़सरों के तबादले भी हो गए।

इतना सब कुछ होने के बावजूद भीखू की जेब में पड़े दस के नोट की पहुँच में भूखा पेट भरने की जुगत न आ सकी। शाम हो गई। भूख ने भीखू की ऊर्जा पचा ली। अंतड़ियां सिकुड़ गईं। दिमाग़ थक गया। 

छोले कुल्चे वाला अपना खोमचा समेट कर जा चुका था। भीखू ने सड़क किनारे पड़ा अख़बार का एक टुकड़ा उठाया और खा गया। मैंने उसे अख़बार चबाते देखा और पूछा - "क्यों भई, अख़बार में भी कोई स्वाद है क्या?"

भीखू अख़बार पर लिसड़ा हुआ मसाला दिखाते हुए बोला - "अख़बार तो बेस्वाद है भाईसाहब, लेकिन मसाले में मज़ा आ गया।"

जो अख़बार भीखू खा रहा था उसी के तीन दिन बाद के संस्करण में छोटा सा समाचार छपा था - "राजधानी दिल्ली के अमुक इलाके में एक चालीस-बयालीस वर्ष के विकलांग की लावारिस लाश मिली है। उसकी जेब में दस रुपये का एक नोट बरामद हुआ है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में इस शख़्स की मौत की वजह भूख बताई गई है।"

जब पुलिस भीखू का पंचनामा कर रही थी तब पनवाड़ी की दुकान पर रखे टीवी पर समाचार चल रहा था कि विदेश मंत्री ने जापान के साथ अनेक महत्वपूर्ण डील्स पर हस्ताक्षर किये। 

© चिराग़ जैन

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