Thursday, December 24, 2020

ऐसी-तैसी हो गयी

तुमने कैसी फसल लगाई, सत्ता कैसी हो गयी
पूरे लोकतंत्र की भाई, ऐसी तैसी हो गयी

बीजेपी ने जीएसटी का खेल खिलाया ऐसा
बाज़ारों की लुटिया डूबी, बगलें झाँके पैसा
ये जीएसटी तुमसे पाई, ऐसी तैसी हो गयी

जिस ईवीएम के घपले को कोस रहे कांग्रेसी
अब उसके नुक़सान उठाओ, इसमें लज्जा कैसी
ईवीएम तुमने चलवाई ऐसी तैसी हो गयी

सरकारी सिस्टम का सत्ता ने मिसयूज़ किया है
अपने हित में तुमने भी तो टेम्पर लूज़ किया है
तोता बन गयी सीबीआई, ऐसी तैसी हो गयी

मनमोहन की इज़्ज़त का इन सबने किया कबाड़ा
तुमने तो उस बेचारे का ऑर्डिनेंस भी फाड़ा
तुम उनके अपने थे भाई, ऐसी तैसी हो गयी

आंदोलन पर पानी छिड़के सत्ता की मनमानी
रामदेव के आंदोलन में तुमने क्या थी ठानी
सोतों पर लाठी बरसाई, ऐसी तैसी हो गयी

निजीकरण के तुमने इन पर प्रश्न अनूठे दागे
ये वाले हैं तुमसे केवल चार कदम ही आगे

© चिराग़ जैन
तुम लाए थे एफडीआई, ऐसी तैसी हो गयी

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