Thursday, March 3, 2022

गोल-गोल गोलगप्पा

पानी के बतासे, पुचका, गुपचुप, टिकिया और न जाने क्या-क्या नाम हैं इस चटखारे का। हर गली-नुक्कड़ पर कोई चाट का ठेला इस अनोखे व्यंजन के बिना पूरा नहीं होता।
सूजी और आटे की छोटी-छोटी करारी पूरियों को फोड़कर उनमें आलू-चने और सोंठ का मसाला भरकर जब तक गोलगप्पे वाला उसे किसी बर्तन की तरह चटपटे पानी में डुबोकर आपके दोने में रखता है तब तक उस गोलगप्पे जितना ही पानी आपके मुँह में भी आ चुका होता है।
अपनी पूरी क्षमता से मुँह फाड़कर आप इस चटक स्वाद को मुख के भीतर तक ले जाते हैं और फिर बाहर टपकती पानी की बून्द को तेज़ी से भीतर सुड़कते हुए पुचके का पूरा-पूरा आनंद उठाते हैं।
इस क्षण में गोलगप्पे का करारा खोल आपके मुँह में किसी टेस्ट-बम की तरह फट जाता है... उसके भीतर भरा मसाला और पानी सूनामी की तरह आपके टेस्ट-बड्स को सराबोर करने लगता है... आपकी जीभ के अग्रभाग में पानी का तीखापन, पार्श्व में सोंठ की मिठास और जीभ के नीचे इमली और अमचूर की खटास एक साथ ताण्डव करने लगती है। इस महोत्सव की धमक आपके चेहरे को लाल कर देती है और आँखों में एक चटपटी नमी उतर आती है।
शायद विश्व की अन्य कोई भी डिश एक साथ सारे टेस्ट बड्स को इतनी जल्दी एक्टिव नहीं कर पाती। यही कारण है कि हमारे देश में कहीं भी चले जाओ, गोलगप्पे लड़कियों की पहली पसंद हैं। हर चाट के ठेले पर हर उम्र की महिला आपको गोलगप्पाज़ खाती दिख जाएंगी।
पुरुषों को भी गोलगप्पे ख़ूब लुभाते हैं, लेकिन मैं ऐसे कुछ पुरुषों को जानता हूँ जिन्हें बाज़ार में ठेले पर खड़े होकर पुचका खाते संकोच होता है इसलिए वे जब भी किसी विवाह-पार्टी में जाते हैं तो सबसे पहले ‘पानी के बतासे’ का काउंटर लपक लेते हैं।
कुल मिलाकर, गोलगप्पा एक समग्र स्वाद का उदाहरण है। यह गोल होता है और गप्प से न खाएँ तो मुँह के बाहर ही फूट सकता है; इसलिए इसे गोलगप्पा कहा जाता है। मुँह में पहुँच कर यह पुचक कर फूटता है, इसलिए इसे पुचका कहा गया होगा। इसमें पानी भरा जाता है इसलिए इसे पानी का बतासा कह देते होंगे और इसमें सभी स्वाद गुपचुप रहकर यकायक आपके मुख में प्रविष्ट होते हैं, इसलिए इसे गुपचुप कहा जाता होगा।
बहरहाल, गोलगप्पा स्वाद का एक कम्प्लीट पैकेज है। सो, अपनी जीभ के नीचे उफन रहे पानी को दबाने की बजाय बाज़ार जाइये और इतराते हुए कहिए - ‘भैया ट्वेंटी रुपीज़ के गोलगप्पाज़ दे दीज्ये प्लीज़!’

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment