एक न्यूज़ चैनल
स्पीड की सारी हदें पार कर गया
न्यूज एंकर ने
मेरे टीवी पर
मुझे ही बताया कि मैं मर गया
नेशनल चैनल की न्यूज़ थी
इसलिए संदेह भी नहीं कर सकता था
और मीडिया का इतना सम्मान करता हूँ
कि इस ख़बर को सच साबित करने के लिए
मैं सचमुच मर सकता था
मैंने भी एक झटके में
दुनिया के हर तेज़ चैनल को बीट कर दिया
और अपने ट्विटर हैंडल से
अपनी ही आत्मा की शांति का ट्वीट कर दिया
अब क्या था
मेरी अच्छाइयों की चर्चा
हर फेसबुक फ्रेंड करने लगा
डेढ़ घंटे में ही RIP CHIRAG का हैशटैग
सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा
मेरे बारे में ऐसी-ऐसी बातें लिखी गईं
जिनके बारे मैं मैं ख़ुद नहीं जानता था
उस दिन मैंने लगभग डेढ़ सौ ट्वीट उन अजनबियों के पढ़े
जिन्हें मैं अपना भाई मानता था
उस दिन मुझे पता चला
कि मैंने
अपनी हर नयी कविता को
किस-किस से ठीक करवाया
ढाई सौ लोग ऐसे मिले
जिन्होंने मदद करके
मेरा एक कमरे का मकान बनवाया
उस दिन हर इंसान के
बदले हुए किरदार दिख रहे थे
जो मुझसे उधार लिए बैठे हैं
वो भी मुझे कर्ज़दार लिख रहे थे
उस दिन इतनी ऊँची-ऊँची छोड़ी गई
कि छोड़ने वाले ख़ुद ही नहीं पकड़ पाए
तीन सौ लोगों ने मुझे उंगली पकड़ कर मंच पर चढ़ाया
और उनमें से ढाई सौ तो ख़ुद नहीं चढ़ पाए
एक ने तो यहाँ तक लिखा
कि मुझे हिन्दी का व्याकरण ही उससे 'सिखा'
वो बहुत प्रतिभाशाली था
वो बहुत अच्छा था
हमेशा खरा बोलता था
मंच पर जादू करता था
हर ओर मेरे सद्गुणों की चर्चा ख़ूब होने लगी
कॉपी-पेस्ट टाइप की श्रद्धांजलियां पढ़-पढ़कर
मुझे मरने से ऊब होने लगी
जब लोगों ने मेरी बर्दाश्त से ज़्यादा
मेरा महिमामंडन कर दिया
तो मैंने अपने मरने की ख़बर का खण्डन कर दिया
खण्डन की ख़बर से
एक ओकेजनल फ्रेंड सचमुच उदास हो गया
कितनी मेहनत से श्रद्धांजलि की पोस्ट लिखी थी
तेरह सौ लाइक्स भी आ गए थे
सारी माइलेज का सत्यानाश हो गया
एक रिश्तेदार ने गुस्से में फोन किया
ये क्या तरीक़ा है भाईसाहब
पहली बार तो आपकी मौत की न्यूज़ मिली थी
वो भी झूठ हो गयी
आपकी तो शोकसभा तक हूट हो गई
मैंने तो तेरहवीं के लिए
हलवाई भी बुक करवा दिया है
भाईसाहब आपने नहीं मर के
मुझे मरवा दिया है
एक ने तो गुस्से में यहाँ तक कह डाला
फिर बच गया साला।
थोड़ी ही देर में मैं जान चुका था
कि आज की दुनिया में
मौत की ख़बर का भी
मल्टिपल यूज़ है
ऐसी हर ख़बर
किसी के लिए पोस्ट
किसी के लिए ट्वीट
और किसी के लिए ब्रेकिंग न्यूज़ है
हम लोगों को एक-दूसरे के मर जाने का इंतज़ार है
ज़िंदा बच जाने का डर है
संवेदना की लाश पर खड़े लोगों के लिए
अब मौत भी एक अवसर है
✍️ चिराग़ जैन
उस दिन हर इंसान के
बदले हुए किरदार दिख रहे थे
जो मुझसे उधार लिए बैठे हैं
वो भी मुझे कर्ज़दार लिख रहे थे
उस दिन इतनी ऊँची-ऊँची छोड़ी गई
कि छोड़ने वाले ख़ुद ही नहीं पकड़ पाए
तीन सौ लोगों ने मुझे उंगली पकड़ कर मंच पर चढ़ाया
और उनमें से ढाई सौ तो ख़ुद नहीं चढ़ पाए
एक ने तो यहाँ तक लिखा
कि मुझे हिन्दी का व्याकरण ही उससे 'सिखा'
वो बहुत प्रतिभाशाली था
वो बहुत अच्छा था
हमेशा खरा बोलता था
मंच पर जादू करता था
हर ओर मेरे सद्गुणों की चर्चा ख़ूब होने लगी
कॉपी-पेस्ट टाइप की श्रद्धांजलियां पढ़-पढ़कर
मुझे मरने से ऊब होने लगी
जब लोगों ने मेरी बर्दाश्त से ज़्यादा
मेरा महिमामंडन कर दिया
तो मैंने अपने मरने की ख़बर का खण्डन कर दिया
खण्डन की ख़बर से
एक ओकेजनल फ्रेंड सचमुच उदास हो गया
कितनी मेहनत से श्रद्धांजलि की पोस्ट लिखी थी
तेरह सौ लाइक्स भी आ गए थे
सारी माइलेज का सत्यानाश हो गया
एक रिश्तेदार ने गुस्से में फोन किया
ये क्या तरीक़ा है भाईसाहब
पहली बार तो आपकी मौत की न्यूज़ मिली थी
वो भी झूठ हो गयी
आपकी तो शोकसभा तक हूट हो गई
मैंने तो तेरहवीं के लिए
हलवाई भी बुक करवा दिया है
भाईसाहब आपने नहीं मर के
मुझे मरवा दिया है
एक ने तो गुस्से में यहाँ तक कह डाला
फिर बच गया साला।
थोड़ी ही देर में मैं जान चुका था
कि आज की दुनिया में
मौत की ख़बर का भी
मल्टिपल यूज़ है
ऐसी हर ख़बर
किसी के लिए पोस्ट
किसी के लिए ट्वीट
और किसी के लिए ब्रेकिंग न्यूज़ है
हम लोगों को एक-दूसरे के मर जाने का इंतज़ार है
ज़िंदा बच जाने का डर है
संवेदना की लाश पर खड़े लोगों के लिए
अब मौत भी एक अवसर है
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