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Thursday, April 4, 2024
अहंकार का अंत
बल के घमण्ड में नियम किए खण्ड-खण्ड यही बल यश की कुदाल सिद्ध हो गया जिसको समझकर तुच्छ पूँछ फूँक दी थी वह भी भयानक कराल सिद्ध हो गया जिसने भी टोका उसे घर से निकाल दिया यही आचरण विकराल सिद्ध हो गया जिसको दशानन समझता था शक्तिहीन वही वनवासी महाकाल सिद्ध हो गया
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