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Thursday, October 29, 2015
इच्छा
मुझे हुनर की बड़ी नेमतें अता करना मेरे ख़ुदा तू मुझे शोहरतें अता करना मैं रोज़ रात इक हुजूम से मुख़ातिब हूँ ख़ुद से मिल पाऊं इतनी मोहलतें अता करना
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