चोरी किये जाने के ख़िलाफ़ हैं
वे लोग
सिर्फ दूसरों के द्वारा चोरी किये जाने के खिलाफ हैं
जो लोग
झूठ बर्दाश्त नहीं कर पाते
वे लोग सिर्फ दूसरों का झूठ बर्दाश्त नहीं कर पाते
और जो लोग
स्त्रियों को सुरक्षित देखना चाहते हैं
वे लोग
स्त्रियों को सिर्फ दूसरों से सुरक्षित देखना चाहते हैं
ये बात
समझ तो नहीं आती
लेकिन समझ रहा हूँ
कि वे लोग
जब चोरी करते पकड़े जाएँ
तो उसको इत्तफ़ाक़ समझना चाहिए
वे लोग
जब झूठ बोलते पकड़े जाएँ
तो उस परिस्थिति को समझना चाहिए
और वे लोग
जब किसी स्त्री को दबोचे हुए
नंगे होने लगें
तो उसको
ब्राॅड माइंडेड होकर देखना चाहिए
क्योंकि वे लोग
सभ्य समाज की परिधि हैं
और सभ्य होने के नाते
मुझे परिधि लांघने का
कोई हक़ नहीं है।
© चिराग़ जैन
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