Friday, January 22, 2016

सपना

बेहद आलीशान मकान का
सपना पाला है तो
पहले संस्कारों की झाड़ियाँ उखाड़ दो
और वो जो ज़मीर है ना
उसे मकान की नींव में गाड़ दो।

इससे नींव को मज़बूती तो मिलेगी ही
जी भी कड़ा हो जाएगा
और पत्थर जैसे कलेजे की सपोर्ट से
सपनों का महल खड़ा हो जाएगा।

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment