बेहद आलीशान मकान का
सपना पाला है तो
पहले संस्कारों की झाड़ियाँ उखाड़ दो
और वो जो ज़मीर है ना
उसे मकान की नींव में गाड़ दो।
इससे नींव को मज़बूती तो मिलेगी ही
जी भी कड़ा हो जाएगा
और पत्थर जैसे कलेजे की सपोर्ट से
सपनों का महल खड़ा हो जाएगा।
© चिराग़ जैन
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