साहब जी, बिहार में चुनाव होने वाला है, क्या करें?
गाय का मुद्दा खड़ा करो।
ओके साहब।
साहब जी, दिल्ली में चुनाव होने वाला है, क्या करें?
फ्री वाई-फाई बांटने का प्रचार करो।
ओके साहब।
साहब जी, पंजाब में चुनाव होने वाला है, क्या करें?
ड्रग्स की समस्या को भड़का दो।
ओके साहब।
साहब जी, यूपी में चुनाव होने वाला है, क्या करें?
दलितों के शोषण की घटनाओं को हवा दो।
ओके साहब।
सारे चुनाव हो गए साहब, अब क्या करें।
अब आराम से सो जाओ।
लेकिन साहब जनता की सेवा कब करेंगे?
नींद पूरी होने के बाद।
ओके साहब।
साहब वो बिहार वाली गाय रंभा रही है, नींद में खलल पड़ रहा है।
उसे वाई फाई की आदत डाल दो, इंटरनेट पर व्यस्त हो जाएगी।
लेकिन साहब वाई फाई तो मिला ही नहीं।
तो उसे ड्रग्स की लत लगा दो।
लेकिन साहब ड्रग्स तो हमने चुनाव में बाँट दी।
तो उसे दलितों के यहाँ बाँध आओ, लेकिन मुझे सोने दो।
ओके साहब।
© चिराग़ जैन
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