Monday, November 14, 2016

मजमेबाज़ी का तमगा

हम हैं हिंदी कविता की बुनियाद में गड़ने वाले लोग
कहीं बहुत जमने वाले और कहीं उखड़ने वाले लोग
कवि-सम्मेलन पर मजमेबाज़ी का तमगा मत टाँको
मंचों पर भी मिल जाते हैं, लिखने-पढ़ने वाले लोग

© चिराग़ जैन

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