Friday, March 24, 2017

रोमियो स्क्वैड

दहशत का आलम हो रा है, अब तो नैन लड़ाने में
खाकी वर्दी वाले मिल गए, कुट गए छोरे थाने में

कपड़ों पे ख़ुश्बू लगा के निकले हुजूर
बाल-वाल काढ़-कूढ़ के चहकने लगे
छोरियों के काॅलेज के बाहर लगा के घात
खड़े-खड़े बड़ी-बड़ी बात करने लगे
काॅलेज की कोई लड़की वहाँ से गुज़री तो
घूर-घूर कर टोंट पास करने लगे
तभी एक पुलिसिया जीप आती दीख पड़ी
गधो के सिरों से सींग से सरकने लगे

बापू घबराता है इनको चश्मा नया दिलाने में
खाकी वर्दी वाले मिल गए, कुट गए छोरे थाने में

लैला ने बुलाया मजनू को डेट पे चलेंगे
मजनू ने कहा मुझे माफ़ कर दो बहन
हीर ने कहा कि रांझे लांग ड्राइव पे चलूंगी
रांझा बोला मेरा इन्साफ कर दो बहन
रोमियो को जूलियट ने कहा कि प्यार करो
बोला पहले मेरा इंतज़ाम कर दो बहन
माहीवाल सोहनी के घर जा के फैल गया
ऐसा करो ज़िन्दगी हराम कर दो बहन

छोरों की आवाज़ खो गई, दिल का हाल बताने में
खाकी वर्दी वाले मिल गए, कुट गए छोरे थाने में

जिन ज़ुल्फों को लहरा के सुख मिलता था
उनमें भी तेल वाला हाथ फिरने लगा
जिस लड़के को थी लफंडरी की आदत वो
हर घड़ी दादाजी के साथ फिरने लगा
जिसे चाऊमीन और पिज़्ज़ा अच्छा लगता था
घर पे ही खा के दाल-भात फिरने लगा
आशिक़ी की चैसर पे नीतियों ने दांव चला
आशिकों का राजा खा के मात फिरने लगा

डर सा बैठ गया छोरों में दाढ़ी-मूछ बढ़ाने मे
खाकी वर्दी वाले मिल गए, कुट गए छोरे थाने में

धूप से बचाव को जो चश्मा लगाया काला
देखा थानेदार जी ने और काण्ड हो गया
ट्रैफिक के जाम से निकलने को ज़रा तेज
कट मारा कार जी ने और काण्ड हो गया
नर्स सामने थी पर दर्द से कराह के ली
सिसकी बीमार जी ने और काण्ड हो गया
जींस ट्रैक्टर में अटक के फटी थी पर
पूछा सरकार जी ने और काण्ड हो गया

दर्जी के घर लाइन लगी है, चिथड़ी जींस सिलाने में
खाकी वर्दी वाले मिल गए, कुट गए छोरे थाने में

© चिराग़ जैन

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