Tuesday, June 5, 2018

जब क़त्ल हुए थे जंगल

ग़ैब ख़ामोश था जब क़त्ल हुए थे जंगल
इसकी बरसात को क़ीमत चुकानी पड़ती है

© चिराग़ जैन

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