Thursday, January 6, 2022

आगे टोल प्लाज़ा है

वह दिन दूर नहीं जब हर टोल प्लाज़ा पर लिखा होगा कि अगला टोल प्लाज़ा 500 मीटर आगे है।
2017 में भारत सरकार ने सभी वाहनों के लिए टोल टैक्स भुगतान करने के लिए ‘फास्ट टैग’ आवश्यक कर दिया था। इसके समर्थन में यह तर्क दिया गया था कि इससे टोल प्लाज़ा पर लगने वाली लम्बी कतारों से मुक्ति मिलेगी। (यद्यपि तब भी यह नियम था कि यदि टोल प्लाज़ा पर एक निश्चित दूरी से अधिक लम्बी लाइन लग जाए तो सभी वाहनों को बिना टोल वसूले जाने दिया जाएगा।)
यदि किसी ने फास्ट टैग न लगवाया तो टोल प्लाज़ा से गुज़रते समय उससे दोगुने पैसे वसूले जाएंगे। अब जनता विवश होकर निजी कंपनियों के पास फास्ट टैग ख़रीदने पहुँची। कंपनियों ने सिक्योरिटी मनी के रूप में 150-200 रुपये प्रत्येक वाहन धारक से धरवा लिए। रीचार्ज के लिए जमा करवाने वाली रक़म करोड़ों रुपये का आँकड़ा पार कर गयी।
अब हर वाहन पर फास्ट टैग लग गए और वाहन चालक यह समझने लगे कि टोल प्लाज़ा पर जाम लगना बंद हो जाएगा। कुछ जगह हुआ भी लेकिन अधिकतर टोल प्लाज़ा पर फास्ट टैग की मशीनें काम नहीं करतीं। वहाँ खिड़की पर बैठा वसूलीकर्ता आपको गाड़ी आगे-पीछे करवाता रहता है। फिर भी मशीन स्कैन न कर सके तो आपको कह दिया जाता है कि आपके फ़ास्ट टैग में बैलेंस नहीं है। आप आश्चर्यचकित होकर मोबाइल निकालते हैं। फिर उसमें फास्ट टैग की एप्प खोलकर उसे बैलेंस दिखाते हैं। वह अपने भावनाशून्य चेहरे को दूसरी ओर घुमाकर एक अजीब से स्वर में चिल्लाता है। उस स्वर को सुनकर कुछ मिनिट बाद एक प्राणी अपने हाथ में एक छोटा-सा स्कैनर लेकर आता है। आपके फास्ट टैग को स्कैन करता है और तब आप टोल से निकल पाते हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में यदि आप थोड़े भी चिड़चिड़ाते हैं तो तुरंत आपकी गाड़ी के चारों ओर छह-सात पहलवान प्रकट हो जाएंगे और आपको प्रकान्तर से समझा देंगे कि हमसे पैसे वसूलने के लिए इन्होंने सरकार को पैसे दिए हैं, इसलिए इनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
रोज़-रोज़ की इस ज़्यादती से परेशान होकर आप थाने जाने का विचार करते हैं और एक दिन थाने चले जाते हैं। थानेवाले आपको पहले प्यार से और फिर डाँटकर चलता कर देते हैं। आप थाने के बाहर खड़े होकर समझ जाते हैं कि पुलिसवालों के हाथों बेइज़्ज़त होने की अपेक्षा ठेकेदार के गुंडों के हाथों लुटना बेहतर है।
अब टोल प्लाज़ा पर कितनी भी लाइन लगे, आप चुपचाप खड़े रहते हैं। इस जिल्लत से गुज़रते हुए आपको यह ध्यान ही नहीं रहता कि कब आपके टोल टैक्स में 20-25 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गयी है। इस वृद्धि का विरोध नहीं किया जा रहा, इससे ठेकेदार ख़ुश है। ठेकेदार जनता से वसूलकर मोटा पैसा सरकार को दे रहा है, इससे सरकार ख़ुश है। (क्योंकि सरकार का काम बिज़निस करना नहीं है) और जनता... वह यह सोचकर ख़ुश है कि पहले से बनी हुई सड़क पर जो नया टोल प्लाज़ा बन रहा है, उस पर अभी टोल शुरू नहीं हुआ है।

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment