समय साक्षी है कि चंद्रगुप्त के बाहुबल को विष्णुगुप्त के निर्देशन ने सम्राट बनाया। कृष्ण के मार्गदर्शन में ही पार्थ सरीखा धनुर्धर युग-विजेता बन सका।
समाज के सम्यक हिताभिलाषी सरस्वती पुत्र सत्ता के सम्मुख सावचेतना की तर्जनी लेकर प्रकट होते हैं, स्तुति के जुड़े हुए हाथ लेकर नहीं!
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