Friday, September 15, 2017

इतना संयम रखना होगा

सुनो, झरोखा खोलो लोगो 

जितना चाहो बोलो लोगो 

लेकिन शर्त यही है केवल 

पूछ पूछकर लखना होगा 

पूछ पूछकर बकना होगा  

बाहर कोई सत्य नहीं है 

एक घिनौना चेहरा सा है 

जिसको तुम बंधन कहते हो 

वो तुम पर एक पहरा सा है 

खूब खिलो, जी भर इतराओ 

सारे आलम को महकाओ 

जब तक कहें खिलो गुलशन में 

जब हम कह दें तब झर जाओ 

हर सुंदरता के प्रेमी को 

इतना संयम रखना होगा 

पूछ पूछकर तकना होगा  

© चिराग़ जैन

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