Friday, September 29, 2017

देवता बहरा हुआ है

पूजने वाले का संकट और भी गहरा हुआ है
जब से वेदी पर विराजा, देवता बहरा हुआ है

हम अभागों के दुखों को देखकर रोया कभी जो
क्रांति की ज्वाला जगा कर फिर नहीं सोया कभी जो
ईश जाने उस हृदय पर कौन सा पहरा हुआ है
जब से वेदी पर विराजा, देवता बहरा हुआ है

आज तक जिसने सभी के पाँव से काँटे निकाले
और सब आदेश भूखों के लिए खुद फूंक डाले
अन्न का वितरण उसी के हुक्म पर ठहरा हुआ है
जब से वेदी पर विराजा, देवता बहरा हुआ है

खून की परवाह तजने का सबक दे साथियों को
वो बताता था कि तोड़ेगा बरसती लाठियों को
आजकल लाठी पे कपड़ा खून का फहरा हुआ है
जब से वेदी पर विराजा देवता बहरा हुआ है

© चिराग़ जैन

No comments:

Post a Comment